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Dhyan Vigyan - Osho

Dhyan Vigyan - Osho
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Dhyan Vigyan - Osho

ध्यान विज्ञान

जो लोग शरीर के तल पर ज्यादा संवेदनशील हैं, उनके लिए ऐसी विधियां हैं जो शरीर के माध्यम से ही आत्यंतिक अनुभव पर पहुंचा सकती हैं। जो भाव-प्रवण हैं, भावुक प्रकृति के हैं, वे भक्ति-प्रार्थना के मार्ग पर चल सकते हैं। जो बुद्धि-प्रवण हैं, बुद्धिजीवी हैं, उनके लिए ध्यान, सजगता, साक्षीभाव उपयोगी हो सकते हैं।

लेकिन मेरी ध्यान की विधियां एक प्रकार से अलग हट कर हैं। मैंने ऐसी ध्यान-विधियों की संरचना की है जो तीनों प्रकार के लोगों द्वारा उपयोग में लाई जा सकती हैं। उनमें शरीर का भी पूरा उपयोग है, भाव का भी पूरा उपयोग है और होश का भी पूरा उपयोग है। तीनों का एक साथ उपयोग है और वे अलग-अलग लोगों पर अलग-अलग ढंग से काम करती हैं। शरीर, हृदय, मन—मेरी सभी ध्यान विधियां इसी श्र्ृंखला में काम करती हैं। वे शरीर पर शुरू होती हैं, वे हृदय से गुजरती हैं, वे मन पर पहुंचती हैं और फिर वे मनातीत में अतिक्रमण कर जाती हैं।
ओशो

विषय सूची

सुबह के समय करने वाली ध्यान विधियां

1 सूर्योदय की प्रतीक्षा
2 उगते सूरज की प्रशंसा में
3 सक्रिय ध्यान
4 मंडल
5 तकिया पीटना
6 कुत्ते की तरह हांफना
7 नटराज
8 इस क्षण में जीना
9 स्टॉप
10 कार्य -- ध्यान की तरह
11 सृजन में डूब जाएं
12 गैर-यांत्रिक होना ही रहस्य है
13 साधारण चाय का आनंद
14 शांत प्रतीक्षा
15 कभी, अचानक ऐसे हो जाएं जैसे नहीं हैं
16 मैं यह नहीं हूं
17 अपने विचार लिखना
18 विनोदी चेहरे
19 पृथ्वी से संपर्क
20 श्वास को शिथिल करो
21 इस व्यक्ति को शांति मिले
22 तनाव विधि
23 विपरीत पर विचार
24 अद्वैत
25 हां का अनुसरण
26 वृक्ष से मैत्री
27 क्या तुम यहां हो?
28 निष्क्रिय ध्यान
29 आंधी के बाद की निस्तब्धता
30 निश्चल ध्यानयोग

दिन के समय करने वाली ध्यान विधियां

31 स्वप्न में सचेतन प्रवेश
32 यौन-मुद्रा : काम-ऊर्जा के ऊर्ध्वगमन की एक सरल विधि
33 मूलबंध : ब्रह्मचर्य-उपलब्धि की सरलतम विधि
34 कल्पना-भोग
35 मैत्री : प्रभु-मंदिर का द्वार
36 शांति-सूत्र : नियति की स्वीकृति
37 मौन और एकांत में इक्कीस दिवसीय प्रयोग
38 प्राण-साधना
39 मंत्र-साधना
40 अंतर्वाणी साधना
41 संयम साधना-1
42 संयम साधना-2
43 संतुलन ध्यान-1
44 संतुलन ध्यान-2
45 श्रेष्ठतम क्षण का ध्यान
46 मैं-तू ध्यान
47 इंद्रियों को थका डालें

दोपहर के समय करने वाली ध्यान विधियां

48 श्वास : सबसे गहरा मंत्र
49 भीतरी आकाश का अंतरिक्ष-यात्री
50 आकाश सा विराट एवं अणु सा छोटा
51 एक का अनुभव
52 आंतरिक मुस्कान
53 ओशो
54 देखना ही ध्यान है
55 शब्दों के बिना देखना
56 मौन का रंग
57 सिरदर्द को देखना
58 ऊर्जा का स्तंभ
59 गर्भ की शांति

संध्या के समय करने वाली ध्यान विधियां

60 कुंडलिनी
61 झूमना
62 सामूहिक नृत्य
63 वृक्ष के समान नृत्य
64 हाथों से नृत्य
65 सूक्ष्म पर्तों को जगाना
66 गीत गाओ
67 गुंजन
68 नादब्रह्म
69 स्त्री-पुरुष जोड़ों के लिए नादब्रह्म
70 कीर्तन
71 सामूहिक प्रार्थना
72 मुर्दे की भांति हो जाएं
73 अग्निशिखा

रात के समय करने वाली ध्यान विधियां

74 प्रकाश पर ध्यान
75 बुद्धत्व का अवलोकन
76 तारे का भीतर प्रवेश
77 चंद्र ध्यान
78 ब्रह्मांड के भाव में सोने जाएं
79 सब काल्पनिक है
80 ध्यान के भीतर ध्यान
81 पशु हो जाएं
82 नकारात्मक हो जाएं
83 हां, हां, हां
84 एक छोटा, तीव्र कंपन
85 अपने कवच उतार दो
86 जीवन और मृत्यु ध्यान
87 बच्चे की दूध की बोतल
88 भय में प्रवेश
89 अपनी शून्यता में प्रवेश
90 गर्भ में वापस लौटना
91 आवाजें निकालना
92 प्रार्थना
93 लातिहान
94 गौरीशंकर
95 देववाणी
96 प्रेम
97 झूठे प्रेम खो जाएंगे
98 प्रेम को फैलाएं
99 प्रेमी-युगल एक-दूसरे में घुलें-मिलें
100 प्रेम के प्रति समर्पण
101 प्रेम-कृत्य को अपने आप होने दो
102 कृत्यों में साक्षी-भाव
103 बहना, मिटना, तथाता
104 अंधकार, अकेले होने, और मिटने का बोध
105 स्वेच्छा से मृत्यु में प्रवेश
106 सजग मृत्यु और शरीर से अलग होने की विधि
107 मृतवत हो जाना
108 जाति-स्मरण के प्रयोग
109 अंतर्प्रकाश साधना
110 शिवनेत्र
111 त्राटक -- एकटक देखने की विधि
112 त्राटक ध्यान-1
113 त्राटक ध्यान-2
114 त्राटक ध्यान-3
115 रात्रि-ध्यान

* this is a hardcover book and comes in a sealed wrap.

$29.99
  • Stock: In Stock
  • Model: Dhyan Vigyan - Osho
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